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ASTROLOGY

होली के रात को स्त्री के इस अंग को दबाने से खुल जाएगी आपकी किस्मत…

दोस्तो होली के दिन अब आने ही वे है तभी आपको बता दें कि हमने हिंदू धर्म में महिलाओं को काफी महत्वपूर्ण स्थान दिया है ओर आप सभी जानते ही होंगे हमारे हिन्दू धर्म में नारी को देवी का स्थान दिया गया है।

ओर इसी के साथ बात करे तो महिलाओं का सम्मान करने का जिक्र भी हर शास्त्र में मिलता है यह भी बताया है और इसलिए कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से महिलाओं का सम्मान करता है उसे अपने जीवन में सभी सुख मिलते हैं। साथ ही महिलाओं के शरीर के किसी अंग को छूने से हमारे जीवन में कई खुशियां आती हैं यह भी बताया गया है।

इसी तराह आपको ये भी बताया है कि हम सभी भलीभांति जानते हैं कि स्त्री के बिना पुरुष का कोई अस्तित्व संभव नहीं है ओर इसके साथ ही एक महिला ही होती है जो पुरुष के हर सुख-दुख में साथ देती है ये भी बताया गया है और साथ में एक महिला बहुत ही आसानी से सारे दुखों को सह लेती है यह तो शायद आपको पता होंगा।

महिलाओं के पैरों में एक बड़ा राज छुपा हुआ है। उसे छूने मात्र से ही आपको वैभव का पुण्य मिल जाता है ऐसा यहाँ बताया गया है और कहा जाता है और बात करे तो सुबह शाम किसी स्त्री के पैर छूने मात्र से ही आपके जन्म जन्मांतर के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

इसके अलावा यह भी बताया गया है कि स्त्री के पैर छूने से सभी को बड़ी से बड़ी सफलता आसानी से मिल जाती है ऐसा कहा जाता है ओर कि महिलाओं के पैर छूने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और वे आपको आशीर्वाद देते हैं और इस तरह आपके जीवन की निराशाएं समाप्त होती हैं और आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।

तो चलिए कुछ ऐसी बात करते हैं जिसे आपको छूना चाहिए।आपको बता दें कि एक महिला होने के नाते मां और बहन के बीच कई रिश्ते होते हैं। इसके साथ कौन खेलता है। एक महिला बहुत ही आकर्षक होती है जो अपने माता-पिता के सुख-दुख में हर काम में हाथ बंटाती है। और वह एक ऐसी महिला है जो अपने बच्चे से प्यार करती है, जिसे हर दर्द सहना पड़ता है और कठिन से कठिन परिस्थितियों से लड़ना पड़ता है। और जिसे हम प्यार की भाषा में मां कहते हैं। बहन कहती है दादी कहती है भाभी कहती है मौसी कहती है वगैरा-वगैरा लेकिन आप जानते हैं।

महिलाओं के पैरों में कई ऐसे गुण छिपे होते हैं, जो आपको छूने में सबसे बड़ी सफलता हासिल करते हैं।जब हम किसी सम्मानित व्यक्ति के पैर छूते हैं। आशीर्वाद के रूप में, उनका हाथ हमारे सिर के ऊपर छूता है और हमारा हाथ उनके पैरों को छूता है। जिससे आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। अपनी माता और अपने उपासकों के चरणों को छूना या उनकी पूजा करना भारतीय संस्कृति में संस्कृति और सदाचार का प्रतिबिंब है।

दोस्तों महिलाओं के पैर छूने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का तेजी से संचार होता है। यहां एक बात जाननी है। जब भी आप किसी महिला के पैर छूते हैं। तो उसके लिए आपके मन में किसी भी प्रकार का पाप या कोई गलत विचार नहीं है, अन्यथा आप करोड़ों पापों के भागीदार बनते हैं।स्त्री के दोनों पैर छूने मात्र से ही पुरुष की उन्नति हो जाती है। मनुष्य की उन्नति में चाहे वह नौकरी, व्यवसाय या कोई भी क्षेत्र हो।

अगर आप किसी महिला का सम्मान करते हैं और उसके पैर छूते हैं तो आपको कभी कोई परेशानी नहीं होगी। इसीलिए नारी को लक्ष्मी का रूप कहा जाता है, इसलिए नारी का सम्मान करना हम सबका कर्तव्य है। जिस घर में नारी का अपमान होता है उस घर में भगवान वास नहीं करते। इस प्रकार स्त्री का अपमान करना बहुत बड़ा पाप है।

इसलिए हमें हर महिला के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए।दोस्तों का कहना है कि जब एक महिला की शादी होती है तो उसकी किस्मत और उसका भविष्य उसके पति से जुड़ा होता है। यानी शादी के बाद महिला जो भी अच्छा या बुरा काम करती है उसका सीधा असर उसके पति पर पड़ता है। पति के परिवार के साथ-साथ पति की पसंद मनपसंद पत्नी से जुड़ जाती है। कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जो शादी के बाद अपने पति के जीवन में सौभाग्य लेकर आती हैं तो वहीं कुछ महिलाएं अपने पति के जीवन को बर्बाद कर देती हैं।

इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि किसी भी बेटी की जब शादी होती है तो उसकी शादी के बाद उसका भाग्य और भविष्य उसके पति से जुड़ा होता है। इसलिए कहा जा सकता है कि शादी के बाद पत्नी जो कुछ भी करती या कहती है उसका पति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शादी एक ऐसा रिश्ता है जो दो लोगों को साथ लाता है।

ऐसे में यदि एक का जीवन अच्छा या बुरा होता है तो इसका सीधा प्रभाव दूसरे के जीवन पर पड़ता है।विभिन्न शास्त्रों में पति-पत्नी के कर्तव्यों के बारे में बहुत सी बातें कही गई हैं। इसी प्रकार गरुड़ पुराण में भी सुयोग्य पत्नी के गुणों का वर्णन है। इस शास्त्र के अनुसार जिसकी पत्नी में ये चार गुण हों वह देवताओं के राजा इंद्र के समान भाग्यशाली होता है। तो आइए जानते हैं कि वे कौन से गुण हैं, जो हर पत्नी में होने चाहिए।

जिसकी पत्नी गृहकार्य में दक्ष हो अर्थात घर की सफाई करना, परिवार को सजाना, घर को सजाना, निश्चित राशि से घर का कुशल प्रबंधन, बच्चों की जिम्मेदारी, मेहमानों का सत्कार करना आदि। तो ऐसा व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होता है।इस श्लोक में आगे कहा गया है कि जिस पुरुष की पत्नी प्रेम से बोलती है या घर के सदस्यों के साथ उचित वाणी से आदर और प्रेम से पेश आती है वह भाग्यशाली होता है। शास्त्रों में मीठा बोलना भी महान माना गया है। गुण।

यदि गृहिणी अच्छी वाणी और अच्छे स्वभाव का प्रयोग करती है तो ऐसे घर में प्रसन्नता का वातावरण रहता है। जिस घर में सुख-समृद्धि होते हुए भी लोग आपस में कटु वचनों का प्रयोग करते हों, वहां नारकीय वातावरण होता है।इन गुणों के साथ-साथ पति की सहमति से कार्य करना अच्छा समझने वाली स्त्री अर्थात पति जो सब बातों में विश्वास रखता हो। , उसे भाग्यशाली मानना ​​चाहिए। यदि पत्नी पति की आज्ञा का उल्लंघन न करे या कोई ऐसा कार्य करे जिससे पति को ठेस पहुंचे तो यह बहुत शुभ होता है।

इसके साथ ही पति का यह भी कर्तव्य होता है कि वह ऐसा कोई कार्य न करे जिससे पत्नी के सम्मान को ठेस पहुंचे। इसके अलावा दोनों को एक-दूसरे की तरक्की और खुशी के लिए काम करना चाहिए।घर की देखभाल करने वाली और घर के सभी कार्यों को शांति से पूरा करने वाली और पति की सेवा में भी समय देने वाली महिला से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं।

इन महिलाओं पर मां लक्ष्मी की असीम कृपा होने से पति पर धन की वर्षा होती है ऐसा माना जाता है कि जो महिला सच्चे मन और पूरी श्रद्धा से भगवान की पूजा करती है उसका पति हमेशा धनवान रहता है। ऐसे में अगर सच्चे मन से भगवान की पूजा की जाए तो उस घर में मां लक्ष्मी हमेशा के लिए वास करती हैं। साथ ही घर का वातावरण भी अच्छा रहता है।

यह भी माना जाता है कि जो महिला किसी बेसहारा गरीब व्यक्ति को खाली हाथ वापस घर नहीं भेजती या दान में कुछ भी देती है, उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। उसका घर हमेशा धन और धान्य से भरा रहता है। उसके घर में कभी दरिद्रता नहीं आती। साथ ही इनके पति को काफी आर्थिक लाभ होता है। ये तीन गुण थे जो किसी भी महिला में होते हैं वह दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकते हैं।

शांत स्वभाव की महिलाएं किसी भी कठिन परिस्थिति को शांति से सुलझा सकती हैं। ऐसी स्त्री के पति का जीवन सुखमय हो जाता है। जो घर में सुख-शांति का वातावरण बनाए रखता है और घर के सभी सदस्यों का ख्याल रखता है। दिन-रात पति की सेवा करें। ऐसे घर में लक्ष्मीजी तृप्त होकर वास करती हैं।इसके अलावा घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान करने वाली महिलाओं के घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

इनके पति को हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। इनका वैवाहिक जीवन भी सुखमय हो जाता है। जिसे भी इस गुण वाली स्त्री मिलती है वह अत्यंत सौभाग्यशाली होता है।

महिलाओं के बारे में कहा जाता है कि वे करुणा और दया के भाव से भरी होती हैं, जो भी घर में अपना सुख नहीं रखतीं, उनका सुख भी छिन जाता है और घर में नकारात्मकता का प्रवेश हो जाता है।

ईसके अलावा जिस घर में स्त्रियों का अपमान होता है उस घर से सुख-समृद्धि भी चली जाती है और ऐसे घर में कभी भी लक्ष्मी का वास नहीं होता है। जब कोई महिला शादी करके ससुराल जाती है तो उसे लक्ष्मी के आगमन के रूप में घर में प्रवेश कराया जाता है।हिंदू मान्यताओं के अनुसार जब घर में बेटी का जन्म होता है तो लोग उसे लक्ष्मी का रूप कहकर संबोधित करते हैं।

हालाँकि महिलाओं को प्रेम की देवी माना जाता है, लेकिन महिलाओं के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जिन्हें पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। हालांकि शास्त्रों में महिलाओं के सभी अंगों को पवित्र माना गया है।

जिसके लिए संस्कृत में एक श्लोक है जिसका अर्थ है कि जहां नारी की पूजा होती है, वहां भगवान का वास होता है, जहां ऐसा नहीं होता, वहां भगवान कभी निवास नहीं करते। वर्तमान समय में यह तो सभी जानते हैं कि किसी भी घर में नारी को घर की लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है और स्त्री को लक्ष्मी का रूप माना जाता है।

और परम पूजनीय लक्ष्मी को माता का दर्जा प्राप्त होता है लेकिन यहां कहा जाता है कि हमारे हिंदू समाज में धर्म के साथ-साथ मां और नारी को देवी की उपाधि दी जाती है। उन्हें आदिशक्ति का रूप भी माना जाता है और ईश्वर ने सृष्टि की रचना भी इस प्रकार की है कि नारी के बिना इस संसार की संरचना अधूरी रहती है। जब भी किसी के घर बेटी का जन्म होता है तो कहा जाता है कि लक्ष्मीजी आई हैं या उन्हें देवी का रूप माना जाता है।

और जिस दिन यह कन्या बड़ी हो जाती है और साथ ही विवाह के बाद जब भी पुत्री को उसके ससुराल ले जाते हैं तो उसके कदम लक्ष्मीजी के आगमन माने जाते हैं और उसका ससुर भी कंकू के कदमों से उसका स्वागत करता है और हमारे वेदोमा।लेकिन इसके बारे में कहा गया है कि यत्र नार्येस्तु पूजयन्ते।

और तातार रमन्ते देवता। और इसका अर्थ यह हुआ कि जिस घर में स्त्री की पूजा होती है और जिस घर में बेटी का सम्मान होता है उसे भी देवताओं का घर कहा जाता है और इसके अलावा इन शास्त्रों में यह भी लिखा है कि विवाह के बाद स्त्री को विरासत में भी मिलता है अपने पति का भाग्य बदल सकता है और स्त्री काम कर सकती है और घर में सुख-समृद्धि ला सकती है।

शास्त्रों में कहा गया है कि अगर कोई पुरुष किसी महिला के किसी खास अंग को छू लेता है तो वह व्यक्ति मुसीबत में पड़ जाता है। आपको बता दें कि शास्त्रों में लोगों को किसी भी काम को करने की मनाही है अगर कोई व्यक्ति उस काम को करता है तो उस व्यक्ति को उसका बुरा परिणाम भुगतना पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार अगर हम किसी लड़की के इस खास अंग को छू लेते हैं तो उसका नुकसान हमें उठाना पड़ता है।

दोस्तो लड़कियों की नाभि को शरीर का सबसे पवित्र अंग माना जाता है और शरीर का सबसे पवित्र अंग माने जाने के कारण कहा जाता है कि किसी भी महिला की नाभि को अपने हाथों से नहीं छूना चाहिए ऐसा भी यहाँ बताया गया है और अगर कोई व्यक्ति गलती से किसी महिला की नाभि को छू लेता है तो देवी काली उस व्यक्ति को दंड भी देती हैं और इसके साथ ही आपको बता दें कि महिलाओं की नाभि में देवी काली का वास होता है ऐसा भी बताया गया है

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